CDS: नए CDS ने बालाकोट एयर स्ट्राइक की योजना में निभाई थी अहम भूमिका, पिछले साल ही हुए थे रिटायर।

Published by: हिमान्शू यादव(owner) @localdailykhabar

लेफ्टिनेंट जनरल (रि) अनिल चौहान पिछले साल 31 मई को 40 साल की सेवा के बाद जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पूर्वी कमान के पद से रिटायर हुए थे। पूर्वी सेना को संभालने से पहले, जनरल ऑफिसर नई दिल्ली में सैन्य अभियान के महानिदेशक थे

भारत सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल (retd.) अनिल चौहान को अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS)  के रूप में नियुक्त किया है। Ministry of defense ने  इसकी घोषणा की है। वह भारत सरकार के सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे। पूर्व CDS जनरल बिपिन रावत के हवाई दुर्घटना मे निधन के बाद नए CDS की नियुक्ति पर विचार हो रहा था। आज केंद्र ने इस पर फैसला ले लिया।

 11वीं गोरखा राइफल्स मे मिला था कमीशन। 
देश के नए सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल (retd.) अनिल चौहान का जन्म 18 May 1961 को उत्तराखंड के पौढ़ी में हुआ था। उनकी पत्नी का नाम अनुपमा चौहान है। उनकी एक बेटी भी है, जिसका नाम प्रज्ञा चौहान है। NATIONAL DEFENSE ACADEMY , खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र रहे लेफ्टिनेंट जनरल चौहान को 1981 में 11वीं गोरखा राइफल्स में कमीशन दिया गया था। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) के रूप में कार्यरत रहे  है। वह पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडर-इन-चीफ (GOC-in-C) के पद से सेवानिवृत्त हुए। सेना की बात करें तो वह पूर्वी सेना के कमांडर थे। पूर्वी सेना को उत्तरी सेना के साथ सेना की दो सबसे संवेदनशील कमानों में से एक के रूप में स्थान दिया गया है।

अंगोला के संयुक्त राष्ट्र मिशन में भी काम किया
उन्होंने अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन में भी काम किया था। 31 may 2021 को भारतीय सेना से retd.  होने के बाद भी वे राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में अपना योगदान दे रहे थे। वे राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद कार्यालय में कार्यरत थे। इतना ही नहीं कहा जाता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी उनका गहरा सम्बंध है। नए CDS चौहान जनरल बिपिन रावत की तरह 11वीं गोरखा राइफल्स से हैं। इसके साथ ही ये भी उत्तराखंड के रहने वाले हैं।

बालाकोट एयर स्ट्राइक की योजना बनाने में थी अहम भूमिका
भारत-पाकिस्तान पर सीमा तनाव बढ़ने के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक की योजना बनाने में भी वे शामिल थे। लेफ्टिनेंट जनरल (retd.) अनिल चौहान पिछले साल 31 may को 40 साल की सेवा के बाद जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पूर्वी कमान के पद से रिटायर हुए थे। पूर्वी सेना को संभालने से पहले, जनरल ऑफिसर नई दिल्ली में सैन्य अभियान के महानिदेशक थे।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान के पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ रहने के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र में उग्रवाद में बड़ी कमी आई थी। बतौर डीजीएमओ वह ऑपरेशन सनराइज के मुख्य शिल्पी थे जिसके तहत भारतीय और म्यांमार सेना ने दोनों देशों की सीमाओं के पास उग्रवादियों के विरूद्ध समन्वित अभियान चलाया था।
सेना में मिले हैं कई मेडल 
सेना में उनकी विशिष्ट और शानदार सेवा के लिए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल जैसे अवॉर्ड मिल चुके हैं। वो भारतीय सेना के डीजीएमओ भी रह चुके हैं।

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